Hariharan Shree Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi

श्री हनुमान जी, भक्तिभाव, शक्ति और समर्पण के प्रतीक हैं। हर युग में भक्तों ने संकटमोचन की आराधना से अपने जीवन के दुखों को दूर किया है।
आज हम आपके लिए लाए हैं प्रसिद्ध गायक हरिहरन जी द्वारा गाई गई “श्री हनुमान जी की आरती” — जो हर घर में श्रद्धा और विश्वास की ज्योति जलाती है।

यह लेख न सिर्फ़ आरती का पूरा लिरिक्स (Lyrics in Hindi) प्रस्तुत करता है, बल्कि बताता है कि हरिहरन जी की हनुमान आरती क्यों इतनी लोकप्रिय है और इसे कैसे श्रद्धापूर्वक गाया जाए।


🌺 हरिहरन श्री हनुमान जी की आरती – पूर्ण लिरिक्स (Hindi Lyrics)

🪔 आरती श्री हनुमान जी की
(Hariharan Version)

आरती कीजै हनुमान लला की,
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥

जाके बल से गिरिवर कांपे,
रोग-दोष जाके निकट न झांके ॥

अंजनि पुत्र महा बलदाई,
संतन के प्रभु सदा सहाई ॥

दे बीरा रघुनाथ पठायो,
लंका जारि सिया सुधि लायो ॥

लाल देह लाली लसै,
अरु धारी लाल लंगूर ॥
बज्र देह दानव दलन,
जय जय जय कपीस सुरभूप ॥

चारों जुग परताप तुम्हारा,
है परसिद्ध जगत उजियारा ॥

संकट कटे मिटे सब पीरा,
जो सुमिरे हनुमत बलबीरा ॥

जय जय जय हनुमान गोसाईं,
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ॥

जो सत बार पाठ कर कोई,
छूटहि बंदि महा सुख होई ॥

जो यह पढ़े हनुमान चालीसा,
होय सिद्धि साखी गौरीसा ॥

तुलसीदास सदा हरी चेहरा,
की जय जय जय हनुमान की आरती॥

आरती कीजै हनुमान लला की,
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥

जय श्री हनुमान जी महाराज की जय! 🔱


हरिहरन जी की आवाज़ में हनुमान आरती क्यों खास है?

🎶 हरिहरन जी की आवाज़ में “हनुमान जी की आरती” भक्तिभाव और संगीत का अद्भुत संगम है।
उनकी आवाज़ में जो गहराई, शुद्धता और श्रद्धा का भाव है, वह सुनने वाले के मन को भक्ति से भर देता है।

इस आरती की विशेषताएँ:

  • यह राग मिश्र भैरवी में गाई गई है, जो मन को शांति देती है।

  • हर शब्द में संकटमोचन के नाम का प्रभाव झलकता है।

  • यह आरती न सिर्फ़ भक्ति का अनुभव देती है, बल्कि ऊर्जा, साहस और मानसिक बल भी बढ़ाती है।


हनुमान जी की आरती करने के नियम (आरती विधि)

हनुमान आरती करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत शुभ माना जाता है 👇

1️⃣ दिन: मंगलवार और शनिवार विशेष फलदायक होते हैं।
2️⃣ समय: सूर्योदय या सूर्यास्त के समय आरती करें।
3️⃣ स्थान: पूर्व दिशा की ओर मुख करके आरती करना शुभ होता है।
4️⃣ दीपक: सरसों के तेल या घी का दीपक जलाएँ।
5️⃣ भोग: गुड़, चना और तुलसी पत्र का भोग लगाएँ।
6️⃣ भावना: आरती के समय मन में हनुमान जी की छवि स्थिर रखें।


हनुमान जी की आरती करने के लाभ

लाभ अर्थ
🚩 भय दूर होता है मन में आत्मविश्वास और साहस बढ़ता है।
💰 धन और समृद्धि जीवन में लक्ष्मी कृपा आती है।
🧘 शांति और संतुलन मानसिक तनाव और क्रोध कम होता है।
🙏 भक्ति में वृद्धि भगवान श्रीराम के प्रति प्रेम और समर्पण बढ़ता है।
💪 शक्ति की प्राप्ति शरीर में ऊर्जा और स्वास्थ्य बढ़ता है।

आरती के बाद क्या करें?

  • जय हनुमान ज्ञान गुन सागर” का जप करें।

  • पाँच बार “हनुमान चालीसा” का पाठ करने से इच्छाएँ पूरी होती हैं।

  • अंत में भगवान श्रीराम और सीता माता का ध्यान करें।

  • घर में हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक जलाना शुभ रहता है।


🎧 हरिहरन की हनुमान आरती सुनें (Audio/YouTube)

आप “Hariharan Shree Hanuman Ji Ki Aarti” को YouTube, Spotify या Gaana पर सुन सकते हैं।
उनकी आवाज़ में यह आरती मन और आत्मा दोनों को शुद्ध करती है


💬 लोकप्रिय भक्तों के अनुभव

🕉 “हरिहरन जी की आरती सुनकर मन में एक अलग ही शांति का अनुभव होता है।”
🕉 “हनुमान जी की आराधना के साथ यह आरती रोज़ की दिनचर्या का हिस्सा बन गई है।”
🕉 “इस आरती ने मुझे हर संकट में साहस और विश्वास दिया।”


FAQs – हरिहरन श्री हनुमान जी की आरती

1️⃣ हरिहरन की हनुमान आरती कहाँ सुन सकते हैं?
➡️ YouTube, JioSaavn, Gaana, Wynk और Spotify जैसे प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है।

2️⃣ क्या यह आरती पारंपरिक है?
➡️ हाँ, यह पारंपरिक “आरती हनुमान लला की” का संगीतबद्ध संस्करण है।

3️⃣ आरती कब करनी चाहिए?
➡️ सुबह या शाम के समय, विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को।

4️⃣ क्या आरती सुनने मात्र से लाभ होता है?
➡️ हाँ, श्रद्धा और विश्वास से सुनी गई आरती मन को पवित्र करती है।

5️⃣ क्या हरिहरन जी ने अन्य भक्ति गीत भी गाए हैं?
➡️ हाँ, उन्होंने “जय गणेश देवा”, “हनुमान चालीसा” और “शिव भजन” जैसे कई प्रसिद्ध भक्ति गीत गाए हैं।

6️⃣ आरती करते समय कौन-सा भोग लगाना चाहिए?
➡️ गुड़, चना, लड्डू या तुलसी पत्र का भोग।

7️⃣ आरती में कितने दीपक जलाने चाहिए?
➡️ पाँच या सात दीपक जलाना शुभ होता है।

8️⃣ आरती के बाद क्या करना चाहिए?
➡️ हनुमान चालीसा या राम नाम का जाप करें।

9️⃣ क्या महिलाएँ हनुमान आरती कर सकती हैं?
➡️ बिल्कुल, भक्ति में कोई भेद नहीं होता।

🔟 क्या यह आरती घर में करनी चाहिए या मंदिर में?
➡️ दोनों जगह की जा सकती है — भावनाओं से की गई आराधना ही सर्वोच्च है।


श्रद्धा, शक्ति और भक्ति का संगम

हरिहरन श्री हनुमान जी की आरती केवल एक भक्ति गीत नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव है।
हर शब्द में छिपा है रामभक्ति, साहस, सेवा और समर्पण का भाव
जब यह आरती गाई जाती है, तो वातावरण में एक दिव्य ऊर्जा फैल जाती है — जो सभी दुखों, भय और नकारात्मकता को दूर करती है।

🙏 जय श्री हनुमान जी महाराज की जय!
संकट मोचन, भक्त वत्सल, श्री राम के परम भक्त की आराधना सदा करते रहें।

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