दीवाली का पर्व प्रकाश, समृद्धि और शुभता का प्रतीक है। यह वह दिन है जब माँ लक्ष्मी — धन, सौभाग्य और वैभव की देवी — पृथ्वी पर आती हैं और अपने भक्तों के घरों में स्थायी निवास करती हैं। 2025 की दीपावली विशेष मानी जा रही है क्योंकि इस वर्ष गुरु और चंद्रमा का शुभ योग बन रहा है, जो लक्ष्मी पूजन के लिए अत्यंत मंगलकारी है।
“जहाँ दीप जलते हैं, वहाँ अंधकार नहीं टिकता; जहाँ माँ लक्ष्मी की पूजा होती है, वहाँ दरिद्रता नहीं रहती।”
🌕 दीवाली 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
दीवाली 2025 में 21 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
यह दिन अमावस्या तिथि (कार्तिक मास) का होगा। इस दिन लक्ष्मी जी के साथ-साथ गणेश जी, कुबेर जी और सरस्वती जी की भी पूजा की जाती है।
शुभ मुहूर्त (लक्ष्मी पूजन का समय)
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पूजन तिथि: 21 अक्टूबर 2025 (रविवार)
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अमावस्या तिथि प्रारंभ: 21 अक्टूबर रात्रि 11:12 बजे
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अमावस्या तिथि समाप्त: 22 अक्टूबर रात्रि 09:45 बजे
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लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: शाम 05:45 से 07:45 बजे तक (प्रदोष काल)
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निशीथ काल पूजन: रात 11:15 से 12:10 बजे तक (यदि आप मध्यरात्रि पूजन करते हैं)
यह समय धनलाभ और समृद्धि प्राप्ति के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।
लक्ष्मी पूजा का धार्मिक महत्व
दीवाली की रात को माँ लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और देखती हैं कि कौन-से घर में स्वच्छता, श्रद्धा और भक्ति का दीप जल रहा है।
कहा गया है —
“जहाँ सफाई और सत्यता होती है, वहाँ स्वयं लक्ष्मी जी निवास करती हैं।”
लक्ष्मी पूजा करने से:
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घर में सुख-समृद्धि और धन की वृद्धि होती है।
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व्यापार में उन्नति और सफलता प्राप्त होती है।
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पारिवारिक कलह समाप्त होता है।
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मानसिक शांति और आध्यात्मिक संतुलन प्राप्त होता है।
लक्ष्मी पूजा के लिए आवश्यक सामग्री
लक्ष्मी जी की पूजा के लिए आपको निम्नलिखित सामग्री तैयार रखनी चाहिए —
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माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र
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थाली, कलश, नारियल और आम के पत्ते
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लाल कपड़ा और आसन
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चावल, अक्षत, कुमकुम, हल्दी, सुपारी
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पंचमेवा, मिठाई, खील-बताशे
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दीपक (घी या तेल का)
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धूपबत्ती, कपूर और अगरबत्ती
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सिक्के और धन (संपत्ति का प्रतीक)
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नए खाता-बही या बुक्स (व्यापारियों के लिए)
लक्ष्मी पूजा विधि (Step-by-Step Guide)
1️⃣ घर की सफाई और सजावट
दीवाली से पहले घर को अच्छी तरह साफ करें। माना जाता है कि माँ लक्ष्मी स्वच्छ और उजले स्थान में निवास करती हैं।
दरवाजे पर सुंदर रंगोली और तोरण बनाएं, और दीपक जलाकर प्रवेश द्वार को सजाएं।
2️⃣ स्थापना और ध्यान
माँ लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति को लाल कपड़े पर स्थापित करें।
मूर्तियों के सामने कलश रखें — उसमें जल, सुपारी, सिक्के और आम के पत्ते डालें।
फिर नारियल को कलश के ऊपर रखें।
3️⃣ संकल्प और ध्यान मंत्र
“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः”
इस मंत्र का 11 बार जाप करें और पूजन का संकल्प लें —
“हे माँ लक्ष्मी! मुझे धन, सौभाग्य और विवेक प्रदान करें।”
4️⃣ दीप प्रज्वलन और आराधना
दीपक जलाएं और अगरबत्ती लगाएं। माँ लक्ष्मी को पुष्प, चावल और मिठाई अर्पित करें।
फिर निम्न मंत्र से पूजन करें:
“ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः।”
5️⃣ गणेश जी की पूजा
लक्ष्मी पूजन से पहले भगवान गणेश की पूजा करें, क्योंकि बिना विघ्नहर्ता के कोई भी पूजा पूर्ण नहीं होती।
6️⃣ आरती और प्रसाद वितरण
पूजन के बाद आरती करें:
“ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता…”
फिर परिवार के सभी सदस्य दीपक लेकर आरती करें और प्रसाद बांटें।
🌙 दीवाली की रात को करने योग्य कार्य
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घर के सभी कोनों में दीपक जलाएं।
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तिजोरी और दुकान के दरवाजे पर भी दीप जलाना शुभ होता है।
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धन या सोने-चांदी के आभूषणों को पूजन स्थान पर रखें।
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लक्ष्मी जी के मंत्र का जाप करें —
“ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः।”
⚠️ पूजा में इन बातों का ध्यान रखें
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पूजा के समय घर में झगड़ा या ऊँची आवाज़ न करें।
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जूते-चप्पल पहनकर पूजन स्थल में न जाएँ।
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दीपक बुझने न दें।
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पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण करने से पहले आभार अवश्य व्यक्त करें।
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लक्ष्मी जी की मूर्ति को पैर न लगाएँ।
🪙 लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त करने के उपाय
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हर शुक्रवार को लक्ष्मी जी को खीर का भोग लगाएँ।
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घर के उत्तर-पूर्व दिशा में दीपक जलाएं।
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रात्रि में झाड़ू न लगाएं।
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लाल कपड़े में चांदी का सिक्का बांधकर तिजोरी में रखें।
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रोजाना “श्री सूक्त” का पाठ करें।
🌺 लक्ष्मी पूजन से जुड़ी पौराणिक कथा
कहा जाता है कि समुद्र मंथन के समय माँ लक्ष्मी समुद्र से प्रकट हुईं। उसी दिन को दीवाली के रूप में मनाया जाता है।
उस दिन भगवान विष्णु ने उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दिया, और कहा —
“जहाँ सत्य, श्रम और सदाचार होगा, वहीं लक्ष्मी का वास होगा।”
इस कथा का भाव यह है कि सच्चाई और परिश्रम से ही धन की प्राप्ति होती है।
🕉️ लक्ष्मी जी के प्रमुख मंत्र
1️⃣ “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः।”
2️⃣ “ॐ महालक्ष्म्यै नमः।”
3️⃣ “ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं कमलवासिन्यै नमः।”
इन मंत्रों का जाप दीपावली की रात 108 बार करने से धन-संपत्ति की वृद्धि होती है।
दीवाली 2025 क्यों है विशेष?
2025 में गुरु ग्रह धनु राशि में और चंद्रमा तुला राशि में रहेगा, जो लक्ष्मी पूजन के लिए अत्यंत शुभ योग बनाता है। यह संयोजन व्यक्ति को धन-प्राप्ति, नौकरी में उन्नति और व्यापार में सफलता देता है। इस वर्ष राजयोग और धनयोग दोनों एक साथ बनेंगे, जिससे यह दीपावली अन्य वर्षों से अधिक शुभ मानी जा रही है।
आध्यात्मिक संदेश
दीवाली केवल दीप जलाने का पर्व नहीं, बल्कि अपने अंदर की अंधकार को दूर करने का प्रतीक है।
माँ लक्ष्मी केवल धन नहीं देतीं, बल्कि शुद्धता, संतुलन और आंतरिक शांति भी प्रदान करती हैं।
“सच्चा धन वह नहीं जो तिजोरी में हो, बल्कि वह है जो मन में संतोष और घर में प्रेम भर दे।”
लक्ष्मी पूजा 2025 से जुड़े 10 सामान्य प्रश्न (FAQs)
1️⃣ दीवाली 2025 में लक्ष्मी पूजन कब है?
👉 26 अक्टूबर 2025, रविवार को शाम 5:45 से 7:45 बजे तक।
2️⃣ लक्ष्मी पूजा किस देवता के साथ करनी चाहिए?
👉 गणेश जी, कुबेर जी और सरस्वती जी के साथ।
3️⃣ लक्ष्मी जी को क्या प्रसाद चढ़ाना चाहिए?
👉 खीर, बताशे, पान और सिक्के चढ़ाना शुभ है।
4️⃣ पूजन में कौन-सा दीपक शुभ माना जाता है?
👉 घी का दीपक सबसे शुभ होता है।
5️⃣ क्या व्यापारी लक्ष्मी पूजन अलग से कर सकते हैं?
👉 हाँ, खाते-बही के साथ व्यापारिक पूजन करें।
6️⃣ दीवाली की रात दीप कहाँ जलाना चाहिए?
👉 हर कोने, छत और दरवाजे पर दीप जलाएं।
7️⃣ लक्ष्मी जी के पसंदीदा रंग कौन से हैं?
👉 लाल, गुलाबी और सुनहरा रंग।
8️⃣ क्या लक्ष्मी पूजन के दिन नया सामान खरीद सकते हैं?
👉 हाँ, यह अत्यंत शुभ माना गया है।
9️⃣ क्या लक्ष्मी जी को तुलसी अर्पित की जा सकती है?
👉 नहीं, तुलसी केवल भगवान विष्णु को अर्पित की जाती है।
10️⃣ लक्ष्मी जी की कृपा कैसे बनी रहे?
👉 प्रतिदिन साफ-सफाई रखें, सत्य बोलें और लाल दीप जलाएं।
निष्कर्ष
दीवाली 2025 की लक्ष्मी पूजा हर उस व्यक्ति के लिए विशेष है जो अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, धन और सौभाग्य का स्वागत करना चाहता है। इस दिन का लाभ तभी मिलता है जब पूजा श्रद्धा और सच्चे मन से की जाए। दीपावली की रात, अपने घर में दीप जलाएं और माँ लक्ष्मी से कहें —
“हे माँ, मेरे घर में स्थायी निवास करें और हमें धर्म, धन और विवेक प्रदान करें।”
जय माँ लक्ष्मी! शुभ दीपावली 2025!
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