भारत के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर – पूरी सूची और यात्रा गाइड 2025 | Hanupedia

जानिए भारत के 10 प्रमुख हनुमान मंदिर — इतिहास, पौराणिक कथाएँ, दर्शन-समय, यात्रा-टिप्स और स्थानीय परंपराएँ।

हनुमान जी — वीरता, भक्ति और संकटमोचनता के प्रतीक — भारतभर में अनगिनत मंदिरों में पूजे जाते हैं। हर मंदिर की अपनी एक कहानी, अपनी परम्परा और भक्तों के साथ जुड़ा अनूठा अनुभव होता है। यह लेख 10 प्रमुख हनुमान तीर्थों का गहन वर्णन देता है ताकि आप 2025 में अपनी तीर्थयात्रा बेहतर रूप से योजना बना सकें।

हनुमान पूजन का महत्व

हनुमान जी को रामभक्ति तथा असाधारण बल के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं में वे संकटमोचन कहलाए — संकट, भय और अडचनों को दूर करने वाले। हनुमान जी के प्रति अटूट श्रद्धा रखने से श्रद्धालुओं को मानसिक शक्ति और आत्मविश्वास की अनुभूति होती है। इसलिए मंगलवार और शनिवार को विशेष श्रद्धा और आराधना होती है। हनुमान चालीसा, हनुमान आरती और हनुमान मंत्र (ॐ रामदूताय नमः / ॐ श्री हनुमते नमः) का जाप भक्तों में अत्यधिक लोकप्रिय है।


इस आर्टिकल में शामिल मंदिर

इस गाइड में निम्न 10 हनुमान मंदिरों को समेकित रूप से कवर किया गया है:

  1. जाखू हनुमान मंदिर — मसूरी (उत्तराखंड)

  2. बाबा हनुमान मंदिर — कनॉट प्लेस, दिल्ली

  3. संकट मोचन मंदिर — वाराणसी (उ.प्र.)

  4. शनि शिंगणापुर हनुमान — महाराष्ट्र

  5. सालासर बालाजी — सालासर (राजस्थान)

  6. महावीर/हनुमान मंदिर — पटना (बिहार)

  7. अंजनेयद्री (हनुमान जन्मस्थान) — अनेगुंडी/हम्पी (कर्नाटक)

  8. पंचमुखी हनुमान — रामेश्वरम (तमिलनाडु)

  9. मेहंदीपुर बालाजी — दौसा (राजस्थान)

  10. पंढरपुर/पंढरपुर क्षेत्र के हनुमान — महाराष्ट्र (विठोबा-परंपरा)

नीचे हर मंदिर का विस्तृत विवरण, इतिहास/कथा, दर्शन-समय, जाने का तरीका और उपयोगी यात्रा-टिप्स दिए गए हैं।


1) जाखू हनुमान मंदिर — मसूरी (उत्तराखंड)

स्थान: जाखू हिल, मसूरी (Dehradun के पास)
क्यों जाएँ (विशेषता): जाखू हनुमान मंदिर अपनी विशाल प्रतिमा (~100–108 फीट) और आसपास के मनोहारी पर्वतीय दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। पर्यटक और तीर्थयात्री दोनों यहां आते हैं।
ऐतिहासिक/पौराणिक कथा: लोकविश्वास है कि हनुमान जी संजीवनी बूटी लेकर जाते समय जाखू पर रुके थे; कुछ कथाओं में कहा जाता है कि यहां हनुमान जी ने विश्राम किया था। यह स्थान रामायण से जुड़ी मान्यताओं के कारण विशेष है।
दर्शन-समय: आमतौर पर सुबह 6:00 — शाम 8:00 (स्थानीय परिवर्तन हो सकते हैं)
अच्छा समय जाएँ: मार्च–जून और सितंबर–नवंबर (मॉनसून के बाद और वसंत/शरद)
यात्रा-टिप्स:

  • जाखू तक पैदल ट्रेक, टैक्सी या रोपवे विकल्प उपलब्ध हैं।

  • बंदरों से सावधान रहें — खाने की वस्तुएं खुलकर न रखें।

  • ठंडे मौसम में गर्म कपड़े साथ रखें; सुबह-सांझ की हवा तेज रहती है।
    मल्टीमीडिया सुझाव: हिल-टॉप से sunrise/sunset का विडियो, 108-फुट प्रतिमा के क्लोज-अप और रोपवे ट्रैक का शॉर्ट रील।


2) बाबा हनुमान मंदिर — कनॉट प्लेस, नई दिल्ली

स्थान: कनॉट प्लेस / राजीव चौक के पास, नई दिल्ली
क्यों जाएँ: दिल्ली के हृदय में स्थित, यह मंदिर शहर के व्यस्त जीवन से एक आध्यात्मिक शरण देता है। व्यापारिक और ऐतिहासिक दящих के नज़दीक होने से यात्री आसानी से दर्शन कर पाते हैं।
कथा/इतिहास: कहा जाता है कि मंदिर बहुत प्राचीन है और इसे स्वयंभू माना जाता है; कुछ ऐतिहासिक स्रोत भी इसे स्थानीय राजाओं द्वारा नवीनीकृत बतलाते हैं।
दर्शन-समय: सुबह 5:00 — रात 10:00 (त्यौहारों में विस्तारित)
अच्छा समय जाएँ: शीतकाल (नवंबर–फरवरी) और सुबह के समय
यात्रा-टिप्स:

  • मेट्रो (राजीव चौक) से 5-10 मिनट पैदल।

  • भीड़ से बचने के लिए सुबह जल्दी दर्शन करें।

  • पास के कनॉट प्लेस में खाने-पीने और शॉपिंग की सुविधा।


3) संकट मोचन मंदिर — वाराणसी

स्थान: बनारस — अस्सी/घाट क्षेत्र के पास (वाराणसी)
क्यों जाएँ: तुलसीदास जी से जुड़ा यह मंदिर भक्ति-संगीत और पुष्प-परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है।
कथा/इतिहास: तुलसीदास ने यहीं हनुमान की पूजा की और संकट मोचन नाम से इसे प्रतिष्ठित किया; तुलसीदास-कालीन भजन और कथा-परम्परा आज भी जीवित है।
दर्शन-समय: सुबह 5:00 — रात 9:00 (घाट-आसपास का सांस्कृतिक माहौल रात तक रहता है)
अच्छा समय जाएँ: अक्टूबर–मार्च; विशेष: हनुमान जयंती और तुलसी-समारोह के समय
यात्रा-टिप्स:

  • गंगा आरती का अनुभव भी जोड़ें — मंदिर भ्रमण के साथ घाट यात्रा श्रेष्ठ रहती है।

  • स्थानीय गेस्ट-हाउस/होटल घाट के पास उपलब्ध।
    विशेष: मंगलवार को भजन-संध्या और आरती का माहौल भक्तों को आकर्षित करता है।


4) शनि शिंगणापुर हनुमान — अहमदनगर / पुणे क्षेत्र

स्थान: शिंगणापुर, अहमदनगर ज़िला (महाराष्ट्र)
क्यों जाएँ: शनि-प्रसिद्ध शिंगणापुर क्षेत्र में हनुमान जी की श्रद्धा विशेष रूप से प्रचलित है; यहाँ शनि और हनुमान की संयुक्त आस्था देखी जाती है।
कथा/इतिहास: स्थानीय मान्यताओं के अनुसार शनि-दोष निवारण हेतु यहां विशेष आराधना चलती आई है और हनुमान जी की शक्ति द्वारा शनि का प्रभाव नियंत्रित माना जाता है।
दर्शन-समय: सुबह 6:00 — रात 9:00
अच्छा समय जाएँ: शरद और शीत ऋतु; शनिवार विशेष रूप से तीव्र भक्तिमय रहता है।
यात्रा-टिप्स:

  • पुणे/अहमदनगर से रोड-ट्रिप उपयुक्त; शनिवार को भीड़ ज़्यादा रहेगी।

  • स्थानीय बाज़ार और प्रसाद की खरीदारी धर्मपरक स्मृति के रूप में करें।


5) सालासर बालाजी — चुरू ज़िला, सालासर (राजस्थान)

स्थान: सालासर गाँव (चुरू रेंज), राजस्थान
क्यों जाएँ: सालासर बालाजी का मंदिर स्वयंभू हनुमान रूप और अनोखी परंपराओं के लिए विख्यात है — यहाँ मूर्ति में मुँछें और स्थानीय रीति-रिवाज अद्वितीय हैं।
कथा/इतिहास: लोककथा के अनुसार यह मूर्ति खेत से निकली हुई मिली थी; तब से यहाँ मंगलवार पर विशेष भक्ति-विधान चलता आया है। लोगों की मान्यता है कि यहां चढ़ाई मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
दर्शन-समय: सुबह 4:00 — रात 10:00 (त्योहारों में विस्तारित)
अच्छा समय जाएँ: अक्टूबर–मार्च (सर्दी में यात्रा उपयुक्त)
यात्रा-टिप्स:

  • मेले के समय भारी भीड़ होती है — होटल और यात्रा पहले से बुक करें।

  • राजस्थान की स्थानीय संस्कृति, व्यंजनों और मेले का आनंद लें।


6) महावीर/हनुमान मंदिर — पटना (बिहार)

स्थान: पटना शहर (आमीनाबाद/नज़दीकी मार्केट)
क्यों जाएँ: पटना का प्रमुख हनुमान तीर्थ, स्थानीय भक्तों में अत्यधिक लोकप्रिय।
कथा/इतिहास: इस मंदिर ने 20वीं शताब्दी में विशेष स्थान बनाया और स्वतंत्रता-समय के बाद यह तीर्थ और भी समृद्ध हुआ।
दर्शन-समय: सुबह 5:00 — रात 10:00
अच्छा समय जाएँ: अक्टूबर–मार्च; रामनवमी/दशहरा के समय बड़ी संख्याएँ आती हैं।
यात्रा-टिप्स:

  • पटना जंक्शन से टैक्सी/ऑटो उपलब्ध।

  • मंदिर के आसपास लंगर/भंडारे और भक्त-सुविधाएँ मिलती हैं।


7) अंजनेयद्री — अनेगुंडी / हम्पी (कर्नाटक)

स्थान: अनेगुंडी, हम्पी के निकट, तुंगभद्रा के पास
क्यों जाएँ: माना जाता है कि अंजनेयद्री पहाड़ी हनुमान जी का जन्मस्थान है; चढ़ाई के दौरान दृश्य अत्यन्त मनोरम होते हैं।
कथा/इतिहास: अंजना माता की कथा से जुड़ा यह स्थान पौराणिक महत्व रखता है; 400+ सीढ़ियाँ चढ़कर पहुंचने पर भक्तों को प्रतीकात्मक शक्ति का अनुभव होता है।
दर्शन-समय: सुबह 6:00 — शाम 6:00
अच्छा समय जाएँ: अक्टूबर–फ़रवरी (शुष्क ऋतु)
यात्रा-टिप्स:

  • चढ़ाई कठिन हो सकती है — आरामदायक जूते और पानी साथ रखें।

  • रास्ते में बंदरों से सतर्क रहें और कूड़ा-कचरा बाहर न रखें।


8) पंचमुखी हनुमान — रामेश्वरम (तमिलनाडु)

स्थान: रामेश्वरम के समीप (पांबन द्वीप/रामेश्वरम नगर)
क्यों जाएँ: पंचमुखी स्वरूप की मूर्ति व रामयुद्ध से जुड़े किंवदंतीयों के कारण यह तीर्थ दक्षिण भारत में अनूठा है।
कथा/इतिहास: कहा जाता है कि युद्ध के समय हनुमान ने पंचमुखी रूप धारण किया था; यही कारण है यहाँ पंचमुखी प्रतिमा प्रतिष्ठित है।
दर्शन-समय: सुबह 6:00 — शाम 6:00 (स्थानीय समय परिवर्तनीय)
अच्छा समय जाएँ: नवम्बर–मार्च (मानसून से बचें)
यात्रा-टिप्स:

  • मंदिर के आसपास समुद्री-वातावरण का आनंद लें; समुद्र के नज़दीक होने के कारण मौसम बदल सकता है।

  • रामेश्वरम के बड़े मंदिर/तीर्थों का संयोजन करें।


9) मेहंदीपुर बालाजी — दौसा (राजस्थान)

स्थान: मेहंदीपुर, दौसा ज़िला (राजस्थान)
क्यों जाएँ: मेहंदीपुर बालाजी रहस्यमय और भूत-प्रेत उन्मोचन (exorcism) मुक्ति के लिए देशभर में जाना जाता है।
कथा/इतिहास: स्थानीय परम्पराएँ बताती हैं कि यहाँ हनुमान जी रोगों/बाधाओं से उन्मुक्ति दिलाते हैं; कई भक्त विशेष उपचार हेतु आते हैं।
दर्शन-समय: सुबह 6:00 — रात 10:00
अच्छा समय जाएँ: सर्दी के महीने (अक्टूबर–मार्च)
यात्रा-टिप्स:

  • भक्तों के अनुभव सुनें लेकिन किसी भी उपचार में चिकित्सकीय सलाह के साथ चलें।

  • स्थानीय परंपरा व नियमों का पूरा सम्मान करें।


10) पंढरपुर एरिया के हनुमान स्थल — महाराष्ट्र

स्थान: पंढरपुर व आसपास (विठोबा परम्परा से जुड़ा क्षेत्र)
क्यों जाएँ: पंढरपुर की विठोबा परम्परा में हनुमान की भूमिका विशेष रूप से सम्मानित है; वारी और संत परम्परा के दौरान हनुमान को विशेष स्थान मिलता है।
कथा/इतिहास: संत-परम्परा और भक्तिमार्ग के कारण पंढरपुर में हनुमान की पूजा में स्थानीयता और सरलता रहती है।
दर्शन-समय: सुबह 6:00 — रात 9:00 (स्थानीय परिवर्तनीय)
अच्छा समय जाएँ: आषाढ़-वाखा (वारी) और धम्म।
यात्रा-टिप्स:

  • वारी के समय पैदल यात्रा का हिस्सा बनें; स्थानीय संस्कृति का आनंद लें।

  • पंढरपुर में विठोबा दर्शन के साथ हनुमान मंदिर जोड़कर जाएँ।


मंदिर दर्शन के सामान्य उपयोगी टिप्स

  • सुबह जल्दी जाएँ: अधिकतर मंदिर सुबह शांति और कम भीड़ देते हैं।

  • दिव्य प्रतीक: हनुमान जी को सिंदूर, तेल और बेसन के लड्डू चढ़ाना लोकप्रिय है — पर मंदिर के नियम देखें।

  • कपड़े व व्यवहार: सरल और संयमित परिधान, मंदिर में शांति और अनुशासन रखें।

  • फोटो/वीडियो: कुछ मंदिरों में फोटो वर्जित हो सकता है — पहले पूछ लें।

  • अत्यावश्यक सामान: पानी, छोटे स्नैक्स, चाबी/क़ीमती सामान की सुरक्षा।

  • ऑनलाइन चेक: यात्रा से पहले मंदिर की आधिकारिक जानकारी/समय ऑनलाइन या स्थानीय पुजारी से सत्यापित कर लें।


FAQ — People Also Ask

Q1: भारत का सबसे प्रसिद्ध हनुमान मंदिर कौन-सा है?
A: “सबसे प्रसिद्ध” का उत्तर क्षेत्र और श्रद्धालु वर्ग पर निर्भर करता है — जाखू (मसूरी), सालासर बालाजी (राजस्थान), संकट मोचन (वाराणसी) और मेहंदीपुर बालाजी (दौसा) जैसी कई जगहें राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हैं।

Q2: हनुमान मंदिर में दर्शन का सबसे अच्छा समय कब है?
A: सामान्यतः सुबह के समय (6:00–9:00) सबसे अच्छा समय माना जाता है। त्योहारों और मंगलवार/शनिवार को भीड़ अधिक रहती है।

Q3: हनुमान जी को क्या-क्या चढ़ाते हैं?
A: सामान्यत: सिंदूर, तेल, बेसन के लड्डू, गुड़, चने और अक्षत (चावल) चढ़ाए जाते हैं; पर मंदिर-विशेष परंपरा देखें।

Q4: हनुमान जयंती कब और कैसे मनाई जाती है?
A: हनुमान जयंती (फाल्गुन पूर्णिमा या चैत्र में निर्भर) बड़ी श्रद्धा के साथ मनाई जाती है — मंदिरों में भजन-कीर्तन, पाठ और प्रसाद वितरण होते हैं।

Q5: क्या हनुमान मंदिरों में प्रवेश के लिए कोई शुल्क होता है?
A: अधिकांश मंदिरों में प्रवेश नि:शुल्क होता है; कुछ विशेष प्रसंगों या गाइड/व्यू-पॉइंट के लिए शुल्क लग सकता है।


भक्ति और यात्रा का संयोजन

भारत के ये प्रमुख हनुमान मंदिर न केवल धार्मिक स्थलों के रूप में महत्वपूर्ण हैं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक जुड़ाव का भी केन्द्र हैं। हर मंदिर की अपनी कहानी, अपनी परंपरा और भक्तों के साथ जुड़ी स्मृतियाँ हैं। आपकी यात्रा चाहे आध्यात्मिक हो या सांस्कृतिक, इन तीर्थों में आपको शांति, शक्ति और प्रेरणा अवश्य मिलेगी।

अपना अनुभव साझा करें: यदि आपने इन में से किसी मंदिर का दर्शन किया है, तो अपने अनुभव, तस्वीरें और यात्रा-टिप्स हानुपीडिया पर साझा करें — दूसरों को मार्गदर्शन मिलेगा।

जय बजरंगबली! 🙏

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